aghori baba : दुनिया का सबसे कठिन साधना है aghori साधना या aghor साधना. और aghori baba बनने का प्रक्रिया इतनी कठिन और आचार्यसे भरा हुआ होता है की, उनके बारेमे जितनीभी प्रसंगशा का लब्ज़ कहा जाये वो निमित्य मात्र है. aghori baba संगसार से दूर रहकर कैसे संगसार का कल्याण करते है ये आपको जान कर आश्चर्य होगा.
आज के इस पवित्र hindi article में हम aghori जीवन शैली को कुछ हद तक उल्लेख करने के प्रयास करेंगे. हम बताएँगे aghory बनने का रहस्य. और ये भी जानेगे aghori baba अस्लीयतमे कौन होते है. क्या हर aghori sadhu कहे जाने बाले व्यक्ति ही अघोरी होते है? जानेगे आजके अनुच्छेद में.
aghori baba की रहस्यमयी दुनिया hindi में
नमस्कार दोस्तों कैसे हैं आप? आप में से कितनों ने aghori baba या फिर aghori sadhu के बारे में जानते हैं. हम सब ने aghory नाम बहुत बार सुने हैं, पर उनके बारे में संपूर्ण विवरण हमारे पास कभी मौजूद नहीं होते है. और हम सब में उनके बारे में जानने का जिज्ञासा बनी रहती है. दोस्तों आज की आर्टिकल में हम आपको Aghori Sadhu के बारे में पूरी जानकारी देने वाले हैं. साथ ही उनके जीवन शैली को नीचे दी गई वीडियो में पूरी तरह प्रस्तुत की गई है. इस वीडियो में हमने दिखाया है उनकी तपस्या का विधि और उनके रहन सहन. आप जरूर देखें.
Aghori: अघोर पंथ हिंदू धर्म का एक विशेष संप्रदाय है और इसके पालन करने वालों को aghori या aghori sadhu कहां जाता है. उनके अनुगामी प्रेम से उन्हें baba कहकर बुलाते है. किउकी अघोरी साधु उनके अनुयायियों को, अपने संतान स्वरुप देखते है. और ये सिर्फ कहने की बात बिलकुल नहीं है. सात्विक और साधारण जीवन को आधार बनाकर जो सबको स्नेह और सम्मान देते है और बदलेमे उन्हें कोई अपेक्षा नहीं रहता है. अघोरी चरित्राबान सूर्य और गरिमा से पूर्ण एक सच्चा साधक होते है. हर कोई aghori नहीं बन सकते।
aghori शब्द का meaning
aghori शब्द का उत्पत्ति संस्कृत के शब्द aghora से हुआ है. व्याकरणिक अर्थ से अलग aghori शब्द को tanra sadhna से जोड़ा जाता है. और ये साधना है Shiv साधना. शिव जी के एक रूप महाकाल भैरव की साधना करने वाले, बिसेष सम्प्रदाय के सदस्य को ही अघोरी कहा जाता है.
aghor panth किसे कहते है
अघोरी संप्रदाय में एक विशेष साधना विधि है, जो रहस्य से भरा हुआ एक बिधि है. इसे ही aghor panth कहते है. अघोर पंथ के प्रक्रिया बोहोत ही जटिल और असामान्य होते है. बिस्तार से आपको हम बताएँगे, आगे पड़ते रहिये.
aghoris lifestyle (कौन है aghori sadhu)
Aghori उन्हें कहा जाता है जो गोर ना हो, जो किसी से भेदभाव ना रखते हो और उनकी नजर में सब समान है. aghor panth ( अघोर पंथ ) की काल के बारे में कोई निश्चित समय का प्रमाण नहीं मिलते हैं। पर उन्हें कापालिक संप्रदाय के समान माना जाता है. Aghori यों का जीवन बहुत ही कठिन और चुनौतीपूर्ण होते हैं. अमूमन aghori दुनिया से कोई रिश्ता नहीं रखते हैं. वह सिर्फ अपनी साधना में लीन रहते हैं.
Aghori ज्यादातर दिन के समय श्मशान में सोते रहते हैं और रातको अपनी साधना में व्यस्त रहते हैं. शमशान के अंदर ही अपना जीवन व्यतीत करने वाले ये yogi, श्मशान के बाहर आमतौर में निकलते नहीं हैं. Aghor Tantra (अघोर तंत्र) की sadhna करने वाले aghori baba की तंत्र और साधना में इतनी शक्ति होती है, कि वह पराशक्तियों को भी अपने बस में कर सकते हैं. ये कोई बचपना भरा कहानी का संगलाप नहीं है. वाकई में उनमे ये सकती कठिन घोर तपस्या (aghori sadhna) से कमाई गयी सकती है. यह सुनने में भले ही अद्भुत लग रही होंगी पर यह सच्चाई है. इसलिए इन्हे tantrik भी कहा जाता है.
aghori baba की चारित्रिक विशेषता
Aghori चरित्र से बहुत ही सरल होते हैं. वह किसी की कोई क्षति नहीं करते हैं. जितना सरल उनका मन होता है उतना ही संकल्प वाले भी होते हैं. अगर वह किसी पर प्रसन्न हो जाए तो उसे सब कुछ निछावर कर सकते है मगर, किसी पर अगर उन्हें क्रोध आ जाए, उसका सर्वनाश भी कर सकते है. हालांकि ये sadhu क्रोध को जय कर लेते है और साधारण परिस्तिति में उन्हें कभीभी क्रोध नहीं हो सकता है. ये उनकी एक खास गुण है. aghori india में सालों से अपने खास बिरादरी में बस्ते चले आ रहे है.
aghori baba या sadhu कैसे दीखते है
काले बस्त्र परिधान किये हुए ये aghora साधक, अपने गले में धातुसे निर्मित नरमुंड माला पहने हुए रहते है. इन्ही दोनों भुझाओ में से एक में चिमटा और दूसरी में कमंडल रहता है. कानो में कुंडल पहनते है और कमर में कमरबंध। इनकी सरीर की त्वजा, समशान की राख भरा हुआ रहता है.
aghori sadhu गले में पहनते है काली जनेऊ जिसे “सिल” कहते हैं. और साथ ही में एक सींग की नाद पहनते है. अंग्रेजी में जिसे हम horn कहते है. जनेऊ और नाद को एक साथ ‘सींगी सेली’ कहते है. ये kapal मतलब skull रखते है, और उसे प्याला की तरह उपयोग करते है.
दोस्तों, पर एक बात ये भी है की इसी तरह दिखने बाले हर इन्शान aghori नहीं होते. किउकी अघोरी बस कुछ गिने चुने संख्या में है और वो आम तौर पर दीखते भी नहीं. वो कहा और किस परिस्तिति में दिखाई मिलते है ये तो हमने निचे बताया ही है, आगे पड़ते रहिये. पर ये जरूर जान लीजिये, बाजार में आसानीसे ऐसा ही बस्त्र पहना हुआ जो बेक्ति आपको आमतौर में दीखते है, सम्भाबना बोहोत ज्यादा है की वो एक ढोंगी निकले.
aghori baba क्या खाते है
अघोरियों का मूल दृस्टि अपने साधना में रहता है. मगर इन्शानि सरीर को जीबित रखने के लिए वो कुछ भी खा सकते है, और वो कोई परहेज नहीं करते. वो खाने लायक कोई भी चीज को घृणा नहीं करते. उन्हें स्वाद से कोई फर्क नहीं परता. आम इन्शानोंके जैसा वो स्वादिस्ट भोजन जितने शांति से कहते है वैसे ही kachha मांस भी उतनाही शांति से खा सकते है.
वो समशान में जलने बाले शब् के मांस को भी आराम से खा लेते है. वो समशान में दाह कार्य के लिए पौछाया गया सब को भी आराम से सेबन कर सकते है.
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aghori india में कहा मिलते है?
Aghori baba मूल रूप से भारतवर्ष के चार शमशानों में अपनी साधना करते हैं. इनमे से पहला है पश्चिम बंगाल का प्रसिद्ध Tarapith ( तारापीठ ) का श्मशान. इस श्मशान में दूर-दूर से Ahori Tantrik अपने तंत्र साधना करने आते हैं. तारापीठ श्मशान बीरभूम में Tarapith Mandir ( तारापीठ मंदिर ) के प्रांगण में अवस्थित है. जहां बगल से द्वारका नदी बहती है. आगे जाकर द्वारका नदी Bhagirathi में समा जाती है.
aghori baba साधना स्थल(पहला और दूसरा)
Tarapith temple ( तारापीठ मंदिर ) एक भव्य मंदिर है मां तारा की. इक्यावन shakti peeth (शक्तिपीठ) में से तारापीठ भी एक है. और इसीको केंद्र में रख कर यहाँ तारापीठ मंदिर की भब्य रूप. एक aghori sadhu के लिए ये स्थान स्वर्ग से कम नहीं है. aghori india की हर दिशा से इस पावन स्थल पर आते है, और अपना तंत्र vidya और mantra का उपासना करते है.
Kamakhya temple ( कामाख्या मंदिर ). असम की राजधानी दिसपुर के पास गोवाहटी से आठ किलोमीटर दूर मां कामाख्या मंदिर स्थित है. यहां भी aghori sadhu दूर-दूर से अपनी साधना करने पहुंचते हैं. हमारे सूची में ये दूसरी स्थान में मौजूद है. ये मंदिर नाम Kamrup-Kamakhya temple और Kamakhya Devalaya की नाम से भी प्रसिद्ध है.
Kamakhya devi माँ Siddha Kubjika नाम से भी जानी जाती है और उन्हें tanra sadhana की देवी मानी जाती है. kamakhya mandir मैं भी अघोरी देश की दिशा दिशा से विशाल संख्या में पोहोचते है. और अपने tapasya में लीन हो जाते है. उन्हें बिस्वास है उनकी तपस्या इन बिसेष स्थानों पर बोहोत ही सुबह फल दाई होंगे. और ये सच भी है, किउकी विशेष स्थानों की ऊर्जा और positive vibration ध्यान को परिपुष्ट करते है.
aghori baba साधना स्थल(तीसरा और चौथा)
Trimbakeshwar temple ( त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर ) महाराष्ट्र के Nashik जिले में स्थित है. और अघोरियों की उपस्थिति की आधार पर हमारे सूचि में ये तीसरे स्थान पर बिराजित है. इस मंदिर की विशेषता है की, मंदिर के अंदर एक गड्ढे में तीन छोटे छोटे लिंग है जिसे ब्रह्मा विष्णु और महेश्वर इन तीन देवों के प्रतीक मन जाता है.
Trimbakeshwar mandir बारह ज्योतिर्लिंग में से एक और ये मंदिर Lord Shiva जी को समर्पित है. अघोरी shiv sadhak और भक्त है, शिव जी के ये मंदिर उनके तपस्या का उत्क्रिस्ट स्थान मन जाता है. और वो यहाँ साधना करने धुर से पहोचते है. मंदिर के प्रांगण में एक पबित्र जल कुंड बना हुआ है. godavari river की जल जिसका जलस्रोत है और aghori baba इस कुंड में अपना पवित्र स्नान करते है.
Mahakaleshwar Jyotirlinga ( महाकालेश्वर मंदिर ) मध्यप्रदेश के Ujjain जिले में अवस्थित है. Aghor Tantra और aghori साधक के लिए यह स्थान स्वर्ग के समान है. यहां sadhu अपनी तंत्र साधना करने हर दिशा से आते हैं. हमारे सूची में ये चौथे स्थान पर मौजूद है.
ये Mahakaleshwar mandir भी बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है. और शिव जी को समर्पित है. ये शिव मंदिर पावन Shipra river के किनारे मौजूद है. lingam या lingaa रूप में भगवान shiva को माना जाता है कि वे स्वयं के भीतर से शक्ति (shakti) को प्राप्त करने वाले स्वयंभू हैं. जो मंत्र-शक्ति के साथ औपचारिक रूप से स्थापित और निवेशित हैं.
aghori woman
अघोरी महिला के बारे में जिज्ञासा बनी रहती है. कई सोचते है, aghori woman नहीं होती है, या कोई woman, aghori नहीं बन सकती. पर संख्या में बोहोत ही कम मात्रा में अघोरी महिलाएं भी पायी जाती है. और इनके भी जीबन शैली पुरुष अघोरियों की तरह ही होते है.
कुछ महिला अघोरी साधक, पुरुष अघोरी साधु के सह धर्मिणी होते है. और कुछ स्वयं सम्पूर्ण महिला अघोरी होते है. ये अपने जीबन पुरुष aghori के तरह ही ब्यतीत करते है. ये भी काला वस्त्र पहनती है, इनकी भी सरीर की त्वजा, समशान की राख भरा हुआ रहता है. ये भी kapal उपयोग करते है.
aghori baba का powers और उसकी सत्यता
aghori tantrik तंत्र साधना के साधक होते है. ये अपने जीबन को उत्सर्ग करते है तंत्र साधना में. ये शिव को अपने शक्ति और आराध्य मानते है. इन्हे शिव साधक कहने का एहि तात्पर्य है. एक tantra साधक के रूप में ये बिस्वा संसार में बरेन्य है.
जटिल प्रक्रिया अध्याबस्ता और परिपक्व इच्छा शक्ति के समन्य से ये tantrik अपने बिधि का चर्चा करते है. शालो लगते है उनको Moksha की प्राप्ति में. घर परिवार को त्याग कर ये शमशान में अकेले ही tap करते रहते है. अपने विशेष मंत्र का जाप और कठिनतर बिधी के माध्यम से, एक वक़्त वो आता है जब ये सिद्धि को उपार्जित कर लेते है.
हज़ारो सालो से अघोर पंथ का रास्ता अपनाने वाले ये साधु, खुदको उस उचाई में पूछा सकते है जाया साधारण मनुस्य कभी नहीं पोहोच सकते. काल्पनिक कथाओ जैसा अघोरी अपने मंत्र बल से दूर दृस्टि पा सकते है. और वो भबिस्य को देख सकते है. ये aghori sadhu अपने tantra क्रिया के माध्यम से जटिल रोग निरामय कर सकते है. किसीको भी धन और सौरयाबां बना सकते है. इनकी powers की ये महिमा है की दुष्ट आत्मा इन्हसे डरते है.
विशेष aghor mantra और sadhna
अघोरी शिव साधक जो साधना करते है उसे ही अघोर sadhna कहते है. वो बिसेष aghor mantra का उपयोग करते है. जिसे साधारण मनुष्य नहीं समझते. इनकी संप्रदाय को बिसेष नाम से भी जाना जाता है. और वो नाम है ‘शैव संप्रदाय’ ( Shaivism ). ये नाम शिव जी के उपासक हने के कारन दिया गया.
जैसे की हमने पहले ही उल्लेख कर चुके है, इस सम्प्रदाय में साधना की एक रहस्यमयी शाखा है “aghor panth” जिसका पालन करने बाले अघोरी नाम से जाने जाते है. अघोर पंथ इनका जीने का मार्ग है. और इसी मार्ग में ये जटिल साधना का उपयोग करते जय जो अघोर साधना के नाम से परिचित है. वो इस साधना को तीन खंड में बिभाजित करते है.
- शव साधना ( Shab Sadhna ) : ये aghor साधना का मूल प्रक्रिया सब के ऊपर बैट कर किया जाता है. बिसेष तिथि में बिभिन्य प्रक्रिया के माध्यम से aghori, इन्शान की सरीर का उपयोग करते हुए ये बिधि करते है. यदि अघोर साधक पुरुष है तो उन्हें किसी मृत स्त्री के शव की आवश्यकता होती है, और यदि अघोर साधक स्त्री है तो उन्हें पुरुष के शव की आवश्यकता होते है. इस साधना में, शव का उपयोग के कारन, भारत सरकार द्वारा इसे प्रतिबन्ध किआ गया. लेकिन फिर भी ये अघोर साधक किसी तरहा, इसे सम्पन कर ही लेते है. साधारण मनुष्य को इसे देखने का अनुमति नहीं होता है. किउकी ये देखने में भयनाक लग सकते है.
- शिव साधना ( Shiv Sadhna ) : शिव साधना भी कुछ तरह शब् साधना के जैसा ही होता है. सिर्फ अंतर ये है की इसमें साधक सब के ऊपर बैठते नहीं, बल्कि सब के शीने के ऊपर पैर रख कर खड़े होकर साधना करते है.
- श्मशान साधना ( Shamshan Sadhna ) : इस साधना में aghori साधक किसी शव की नहीं बल्कि शव स्थान अर्थात शमशान की आराधना करते है. क्रमानुसार चार स्थानों पर ( Haridwar , Ujjain , Nasik , Prayagraj) अनुष्ठित Kumbha Mela में शमशान साधना की कुछ झलकियां भी दिखी जाती है.
how to become aghori (कैसे बने अघोरी)
अघोरी हर कोई नहीं बन सकते. और दूसरी शब्दों में हम ये भी कह सकते है, की जिसमे दृर इच्छा शक्ति और ऊर्जा है वो ही बन सकते है aghori. मगर इसके लिए सटीक मार्गदर्शन की जरूरत पड़ेगी, और वो मार्गदर्शक होंगे कोई सिद्ध guru. एक गुरु पाने के बाद उन्हें हर काम गुरु के मुताबिक करना होगा. उसके बाद एक kapal (skull या खोपड़ी ) की जरुरत पड़ेगी.
अघोर तंत्र को अपनाने का इच्छुक व्यक्ति को सिर्फ उसी खोपड़ी में अपना खाना पडोसकर खाना पड़ेगा. वो और कोई दूसरी पात्र का उपयोग नहीं कर पाएंगे. ध्यान के दौरान अपने शरीर पर चिता की राख लेनी होगी. और ये साडी चीजे करने के बाद सुरु होंगे अघोरी बनने का लम्बा प्रक्रिया.
aghora sadhak के मन उदार और निर्लिप्त होता है जगत के सुख सुबिधाओ से. तो उस बेक्ति को भी खुदको तैयार करना आबस्यक होगा. guru उन्हें कठिन नियमोंसे गुजारेंगे. और इसी से बेक्ति का इच्छा सकती प्रमाणित हो जायेंगे. इसके इलावा ये साधु सबसे प्रेम करते है और किसिपे क्रोध नहीं करते, नाही किसीसे घृणा. ये भी सीखना आबस्यक होगा. महीनों तक अपने परिवार से दूर व्यक्ति को श्मशान में रहना पड़ेगा. और aghor sadhna करना पड़ेगा.
Black magic
ये कहा जाता है कि अघोरी साधुओं की चिकित्सा शक्तियां, kala jadu या black magic में उनकी विशेषज्ञता से आती हैं. पर उनके प्रथा को कला जादू कहना उचित नहीं होगा. किउकी वे हानिकारक शक्तियों के लिए अपनी शक्तियों का उपयोग कभी नहीं करते हैं. नाम तो तब पड़ा जब इस सकती को गलत तरीकोंसे इस्तेमाल में लाया गया. और वो करते है दुस्ट और ढोंगी ब्यक्ति.
अघोरी साधु इन बिसेष जादुई शक्ति का इस्तेमाल करते है उन बीमारियों को अवशोषित करने के लिए, जो पीड़ितों को एक बिसेष कुश या शरीर में ले जाती हैं. उसके बाद काले जादू का उपयोग करके उन्हें जलाकर बीमारियों को खत्म करते हैं. हमने पहले ही बेख्या दे चुके है अघोर बाबाओंके बारेमे, और ये हम समाज चुके है उनका मूल उद्देस्य सिर्फ कल्याण का ही होता है.
कुछ अघोरी जो काले जादू का गहन अभ्यास करते हैं, वे कहते हैं कि वे भगवान शिव और देवी काली को प्रसन्न करके, वे अधिक से अधिक शक्तियों को प्राप्त करते हैं, और जान कल्याण में उपयोग करते है.
प्रसिद्ध aghori book list
अनगिनत book अघोरियों के बारे मे लिखा जा चुका है. ये एक ऐसा विषय है, जिसके ऊपर जाने माने लेखक ने अपना अपना अभिमत ब्यक्त करचुके है. वैसे तो लिस्ट बनाने जाये तो इसका कोई अंत नहीं है. और दुबिधा ये है की ज्यादातर किताबे अच्छी है. फिरभी हम कुछ चुने हुए कितबोका लिस्ट निचे दे रहे है.
- AGHORA, At the Left Hand of God : इसे लिखा है Robert Svoboda. आमतौर पर परहेज करने बल बिषई और ‘अनदेखी’ को वास्तविक बनाने के लिए ये किताब लोकप्रिय है. इस किताब की कहानी हमे विमलानंद की दुनिया में प्रवेश कराते हैं. विमलानंद जी एक अघोरी साधु है. ये कहानी जीवित उदाहरण से हमारे सामने पेस किया गया है.
- Aghora II: Kundalini: Robert Svoboda की इस book में aghora तंत्र को सुपर-तंत्र के रूप में वर्णित किया गया है. super tantra एक मार्ग है देवी कुंडलिनी का. देवी कुंडलिनी, देवी तारा के नाम और छवि के साथ प्रकट होती हैं. ये किताब भी बहुत ही जनप्रिय है.
- Aghora III: The Law of Karma: इसी लेखक का तीसरा book है, कर्म फल के ऊपर. अघोरी विमलानंद जी की जीवन के अंतिम समय का बेख्या नाटकीय ढंग से किया गया है.
- Autobiography of a Sadhu: A Journey Into Mystic India: लेखक है Rampuri. प्राचीन और गुप्त परंपरा का पहला अंदरूनी बातें इस किताब में दिखाया गया. जूना अखाड़ा का एक बुजुर्ग, नागा बाबाओं का सबसे पुराना और सबसे बड़ा समूह, इस किताब में विवृत किया गया.
- Urban Aghori: Siddhis in the City: Jahn Hooks नाम के लेखक द्वारा लिखा गया ये किताब में, एक बड़ा और असंतुलित सहर को दर्शाया गया है. इसमें दिखाया गया कैसे वहाँ रहने वाले लोग खुशी और निडरता से शहर की सेवा करते है. खतरों का सामना करने के लिए आध्यात्मिक अभ्यास करते है. अघोरी कैसे इनसे जुड़ते है.
- Aghor Medicine: Pollution, Death, and Healing in Northern India: Ron Barrett ने लिखा है ये किताब. इसमें दर्शाया गया अघोर मेडिसिन, मूल रूप से ये धर्म और चिकित्सा के बीच चलता है. पीड़ितों और त्याग की ये कहानि भारतीय पदानुक्रम और भेदभाव को पलट देता हैं. किताब के बिषयबस्तु काफी अद्भुत हैं.
- Living with Reality: Wisdom from the Aghori Vimalananda: इसे भी लिखा है Robert Svoboda ने. इस किताब में लेखक ने, अघोरी Vimalananda जी के साथ बिताये गए अनुभबों को दर्शाये है.
aghori baba ओ का जीवन शैली video में
aghori video: दोस्तों aghori baba या aghori sadhu का जीवन शैली हमने वीडियो में बयां किये है. कुछ कारणोंसे हम आपक यहाँ वो वीडियो देखा नहीं पा रहे है. वो वीडियो आपको youtube में जाकर हमारे चैनल livindead में देखना होगा. कृपा थोड़ा कास्ट जरूर करें. आपको पसंद आयेंगे.
हमने उस video में aghori baba का life style और कुछ असली aghori sadhu को दिखाया है. वो वीडियो समर्पित है उन हर पवित्र आत्मा बाले बाबाओ को. जिनका जीबन समर्पित होते है समाज का कल्याण और मानब जाती का उद्धार कार्य में. हम गर्व मह्सुश कर रहे है इस तरीके का पावन बिषई पर लेख, आपको उपहार दे पाने के लिए.
वीडियो देखने के लिए यहाँ क्लिक करें और टाइप करें livindead . हमारा चैनल का लोगो लाल कलर का है और वीडियो का शीर्षक “mysterious life of aghori revealed अघोरियों का रहस्यमयी जीवन” है. कुछ समय पश्चात हम वो वीडियो इस आर्टिकल में जरूर प्राप्त करवाएंगे. धन्यवाद.